Friday 18 January 2019

Love poetry/Love poem / best poem

**गॉड मुझे परमिशन दे दो**

नयन सामने विश्व सुंदरी,

देख इसे क्या मरना है;

मदहोश हो गई आंखें मेरी,

जान हाँथ से धोना है;

हंसमुख चेहरा गुम हो,

आंख कहे बस रोना है।।

गॉड मुझे परमिशन दे दो,

थोड़ा लव सब करना है;

मैं खड़ा देखता रह जाता,

वह रोज गुजरती गलियों से;

नहीं इजाजत, पछताता,

कुछ रहम करो ना जल्दी से;

मैं हुआ प्रेम से ओतप्रोत,

अब उसे ही लथपथ करना है;

गॉड मुझे परमिशन दे दो।।

थोड़ा लव सब करना है,

काश कर्ण में भनक पड़े ;

कि उस पर जान लुटाता हूँ,

एक बार पलट कर देख जरा;

मैं प्रेम का आलम गाता हूँ ,

किस कदर स्वयं को भुला दिया;

अब तुझे भी हसरत रखना है,

गॉड मुझे परमिशन दे दो ;

थोड़ा लव सब करना है।।

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