Monday 4 February 2019

Love poetry, kavita sangrah, हिंदी कविता

 ##तन्हाई हमें सताती है##


मैं तेरी हूँ ये कहती हो ,

पर पास ना मेरे रहती हो,

क्यों रहती है बेचैनी सी ,

क्यों मैं घबराया रहता हूँ।।

तुम समझो ना मेरे दिल को,

क्यों धड़के ये दिल तेरे बिन,

ये समझ ना मुझको आता है,

क्यों रहता हूँ मैं परेशान ।।

कहीं जाने पर तेरे; मुझको,

क्यों होती है बेचैनी सी ,

जब याद ना मुझको करती हो,

क्यों होता हूँ मैं परेशान ।।

तेरे रहने से परेशान ,

मैं रोता हूँ ना सोता हूँ ,

दिनभर पागल सा रहता हूँ,

 क्यों परेशान सा रहता हूँ ।।

क्यों अपनाए की दुनिया हमको,

हम हैं पागल प्रेमी आवारे ,

क्यों रहती है बेचैनी सी,

क्यों होता हूँ मैं परेशान।।