Wednesday 26 December 2018

Best poetry/Best poem/Hindi poem/Hindi Kavita

**क्यों याद रही तुम्हारी आती है। **

कैसे भूलूँ उन रातों को,

कैसे भूलूँ उन बातों को,

तुम क्यों सपनों में आती हो ,

क्यों याद तुम्हारी आती है।।

ना बीत रहे तन्हा यूँ दिन,

ना बरखा ; ना सर्दी बीत रही,

बस याद रहा सावन मौसम,

क्यों याद तुम्हारी आती है।।

जब चलती थी तुम उछल- उछल,

उन गलियों में होती चहल-पहल,

यह बात समझ ना आती है,

क्यों याद तुम्हारी आती है।।

उन बच्चों जैसी बातों में,

उन नटखट चंचल यादों में,

तुम कहाँ खो गई इस जग में,

क्यों याद तुम्हारी आती है।।

Tuesday 25 December 2018

Best poem / Hindi kavita / Best poetry

## कलम क्यों रुक - रुक जाती ##

दिनों दिन बीत रहे हैं,
दूर दो मीत हुए हैं,
आंख है रो रो जाती,
कलम क्यों रुक रुक जाती।।


न भाए मन को रैना,
पडे जो दिल को खोना,
दुखी है तू हो जाती,
कलम क्यों रुक रुक जाती।।



मेरे विपरीत दशा में,
तू ही तो एक सहारा है,
डूबते बीच भंवर में,
तू ही तो एक किनारा है,
रूठ कर तू है सताती,
कलम क्यों रुक रुक जाती।।


मैं तन्हा होकर आया,
कहीं दिल खो कर आया,
कमी है अब सांसों की,
निभा संग पल रातों की,
धड़कनें तू है बढ़ाती,
कलम क्यों रुक रुक जाती।।


हंसाने का प्रयत्न ना कर,
मुझे खामोश रहना है,
भुलाने का प्रयत्न ना कर,
मुझे आक्रोश रहना है,
क्यों मुझको तू है लजाती,
कलम क्यों रुक रुक जाती।।


कभी क्या आएंगे फिर से,
मेरी सांसे लौटाने वो,
तो कब आएंगे अब से,
वो पल पल शरमाने को,
मुझे तू कुछ ना बताती,
कलम क्यों रुक  रुक जाती।।

Wednesday 19 December 2018

Best poem / hindi kavita / love poetry

तेरी आँखों में अपना अक्श

तेरी आँखों में अपना अक्श

देखना चाहता हूँ मैं ,

तेरी चाहत है जो एक शक्श

वो बनना चाहता हूँ मैं ||




धरा अम्बर मिलान जैसा,

मिलान वो चाहता हूँ मैं।

सफ़र हो न ख़त्म वैसा,

सफ़र वो चाहता हूँ  मै।

तेरी आँखों अपना अक्श,

देखना चाहता हूँ मैं ||




तपन हो दावानल जैसा,

तपन वो चाहता हूँ मैं।

ना जाना दूर तुम मुझसे,

सपन वो चाहता हूँ मैं।

तेरी आँखों अपना अक्श,

देखना चाहता हूँ मैं ||




बहे जो नीर चश्मे से,

बड़ी ही तीव्रता लेकर।

सरोवर के  ह्रदय छूता,

ह्रयद वो चाहता हूँ मैं।

तेरी आँखों अपना अक्श,

देखना चाहता हूँ मैं ||